लेखनी कहानी -12-Apr-2022 शोर्ट स्टोरी लेखन # सीख
आज सोमेश बेटे को डांट रहा था। उसने काम ही ऐसा किया था । आज वो अपने क्लासरूम से किसी बच्चे की पेंसिल रबड़ ले आया था । वह बार बार अपने पापा को कह रहा था ,"पापा मै सच कह रहा हूं मैंने चोरी नही की ।"
पर ना जाने सोमेश को लग रहा था कि जैसे उसने बचपन मे मां के आगे झूठ बोला था वैसे ही प्रियांश भी उसके आगे झूठ ना बोल रहा हो।
सोमेश को याद आने लगा वो वाकया जब वह छोटा था ।वे सात बहन भाई थे ।पिता जी का हाथ हमेशा तंग रहता था । बच्चे तरह तरह की चीजें ज्योमेट्री बाक्स मे लेकर आते थे । नन्हे सोमेश का भी दिल करता था उसके पास भी ये सब हो।एक दिन उसके दोस्त की नयी पेंसिल डेस्क के नीचे गिर गयी । वह लाइट वाली पेंसिल थी ।सोमेश काफी देर तो उसको देखता रहा फिर उसने देखा उसके दोस्त का उस पर ध्यान ही नही हे तो उसने नीचे झुक कर पेंसिल उठा कर अपने बैग मे रख ली । उसका मन तो नही मान रहा था लेकिन लालच सब करवा गया उससे। अब तो उसे आदत पड़ गयी । वह अब अपने सहपाठियों के बैग मे से भी चीजें निकालने लगा।
एक दिन जब सोमेश की मां कपड़े धो रही थी तो उसने सोचा लगे हाथ सोमेश का बस्ता भी धो देती हूं । जब सोमेश सो रहा था। मां ने जब उसके बैग की किताबें निकाली तो बहुत सी ऐसी चीजे मिली जो उसने और सोमेश के पिताजी ने कभी भी नही दिलाई थी। मां का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया उसने सोते हुए सोमेश कै ही कसके चांटा रसीद कर दिया । सोमेश हकबकका कर उठा और पूछा ,"क्या हुआ मां मुझे क्यों मारा ?" मां तेज स्वर मे बोली,"आ मै बताऊं तुझे क्यों मारा । मै उस कलिहारी मां की तरह नही बनूंगी जिसका बेटा चोरी करके आता था तो मां उसे शाबाशी देती थी।आखिर मे उसी ने अपनी मां का कान काट लिया।" सोमेश घबरा गया उसे पता चल चुका था कि मां ने उसके बैग का सामान देख लिया है।वह सोमेश पर चांटे पर चांटे बरसाने लगी और साथ साथ बोलती जा रही थी ,"करेगा आगे से चोरी ।बोल करे गा ।खाल उधेड़ कर रख दूंगी।"
उस दिन की मार सोमेश को आज भी हिला गयी उसे याद है उसकी मां ने अगले दिन जा कर सारा सामान मैडम को देकर हाथ जोड़े विनती की कि मैडम आप सब बच्चों का सामान वापस करवा दें।
आज सोमेश को प्रियांश मे वह स्वयं दिखाई दे रहा था ।जब प्रियांश ने अपनी गलती मान ली तो सोमेश ने कहा,"कल अपने क्लासमेट को सोरी कह कर ये दे देना ।बेटा अपनी चीज अपनी ही होती है चाहे वह दो पैसे की क्यों ना हो।"
प्रियांश जब सोरी फिल करके चला गया तो उसे याद आया उसने मां का जब मूड़ ठीक हो गया था तब पूछा कि मां मुझे वो कहानी तो बताओ वो चोर वाली जिसने अपनी मां का कान काट लिया था।
मां ने वह कहानी सुनाई थी
एक बार एक लड़का था उसका बाप नही था मां मजदूरी करती थी और दोनों का पेट पालती थी फिर भी दोनों रुखा सूखा ही खाते थे एक दिन तंग आकर लड़के ने एक दुकान से खाना चुराया और उसे लेकर घर आ गया उसकी मां ने पूछा,"कहां से लाये ?" तो उसने अपनी मां के कान मे कहा ,"चोरी करके।"
मां बोली "शाबाश!"
इस तरीके से वो हर रोज चोरी करके लाता और मां उसे शाबाशी देती एक दिन उस की इतनी हिम्मत हो गयी कि उसने राजा के महल मे चोरी कर ली पकड़े जाने पर उसे फांसी की सजा हुई आखिरी वक्त जब उसकी अंतिम इच्छा पूछी गयी तो उसने अपनी मां को बुलाकर उसके कान में कुछ कहना चाहा ।मरने वाले की अंतिम इच्छा पूरी की गयी उसकी मां जब उसके पास आयी तो उसने उसके कान मे कहा,"हे पापिन मां आज तेरे कारण तेरा बेटा फांसी पर चढ़ रहा है । "यह कहकर उसने अपनी मां का कान काट लिया । राजा ने जब पूछा कि तुमने ऐसा क्यों किया तो वह बोला ,"महाराज ।अगर मेरी मां मुझे पहली चोरी पर डांट देती तो मेरा आज ये हश्र ना होता ।"
सोमेश सोच रहा था , गलती को सही समय पर सुधारना ही सब से बड़ा फर्ज है।
जोनर # प्रेरक
Abhinav ji
28-Apr-2022 09:43 PM
Nice👍
Reply
Muskan khan
24-Apr-2022 04:46 PM
🤗🤗
Reply
Shnaya
23-Apr-2022 09:43 PM
Very nice 👍🏼
Reply